कैसी है ये विपदा, जिसकी है दुगुनी गति,
हर तरफ पानी से हो रही क्षति|
कारण किसी ने जाना नहीं, जिम्मेदार खुद को माना नहीं,
ना समझी हमसे बड़ी हुई, जो नाराज़ हमसे प्रकृति हुई|
कैसी है ये विपदा, जिसकी है दुगुनी गति,
हर तरफ पानी से हो रही क्षति|
कारण किसी ने जाना नहीं, जिम्मेदार खुद को माना नहीं,
ना समझी हमसे बड़ी हुई, जो नाराज़ हमसे प्रकृति हुई|