अद्भुत है ये बचपन, अद्भुत बचपन की पढाई है, जब से हाथ में कलम उठाई, दुनिया समझ में आयी है। मैं छोटा नन्हा सा बालक, कितना बोझ उठाता हु, दादा दादी का हाथ पकड़, उन्हें बचपन की सैर करता हु।
अद्भुत है ये बचपन, अद्भुत बचपन की पढाई है, जब से हाथ में कलम उठाई, दुनिया समझ में आयी है। मैं छोटा नन्हा सा बालक, कितना बोझ उठाता हु, दादा दादी का हाथ पकड़, उन्हें बचपन की सैर करता हु।