आज मन इतना क्यों अशांत हो रहा,
क्या है वो विचार जो इसमें बह रहा ,
शुन्य हल वाली समीकरण है शायद,
जिसके संयोग में अनगिनत संचार हो रहा ।
आज मन इतना क्यों अशांत हो रहा,
क्या है वो विचार जो इसमें बह रहा ,
शुन्य हल वाली समीकरण है शायद,
जिसके संयोग में अनगिनत संचार हो रहा ।
आज ज़ेहन में फिर से एक सवाल उठा है,
प्रश्न बड़ा ही कॉमन है, पर सोचने का नजरिया जुदा है|
“एक घर में दो लड़किया, जो साथ साथ तो रहती थी,
पहली घर के मालिक की बेटी, दूसरी बहु रुपी समुद्र में बहती थी |